प्लास्टिक प्रदूषण एक ऐसा प्रदूषण है जो सभी क्षेत्रों में प्रदूषित करता है जैसे जल जीवन जानवरों आदि ऐसी बहुत सी जगह है जहां प्लास्टिक प्रदूषण करता है आज प्लास्टिक की विशालता और जीवन के लगभग हर क्षेत्र में उसकी उपस्थिति है प्लास्टिक प्रदूषण की विशेषताएं जो उसे अन्य प्रदूषणों से भी अलग बनाती है प्लास्टिक के भी कहीं प्रकार की होती हैं जैसे थर्मोप्लास्टिक वह थर्मोसेट प्लास्टिक आदि प्रकार की होती हैं प्लास्टिकों का उपयोग कहीं जगह होता है जैसे इकट्ठा करना पैकेजिंग टोकरिया बोतले प्लास्टिक बैग सिंगल उसे प्लास्टिक इत्यादि जगह प्लास्टिकों का उपयोग होता है चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक फैशन उद्योग में प्लास्टिक का बहुत अधिक उपयोग होता है प्लास्टिक ज्यादातर भूमि पानी नदी सागर वायु में प्लास्टिक जमा होने से प्रदूषित करता है कई स्थान पर प्लास्टिक पड़ा होने से उसे जानवर खा लेते हैं और जिसकी वजह से जानवरों में कई हद तक प्रदूषण होने के कारण उनकी मृत्यु भी हो जाती है प्लास्टिक पानी में जमा होने से प्रदूषण होता है प्लास्टिक का सभी समुद्री जीवों पर बहुत गहरा प्लास्टिक का हमारे स्वास्थ्य पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है जैसे पानी एवं खाद्य पदार्थों के माध्यम से माइक्रो प्लास्टिक का शरीर में जाना प्लास्टिक में प्रयुक्त रसायन विसफेनॉल एसैटेलाइट आदि का हार्मोनल एवं दीर्घकालिक प्रभाव स्वच्छता की कमी के कारण रोगों का प्रसार हमारे स्वास्थ्य पर प्लास्टिक का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है
आज भारत में ही नहीं बल्कि कहीं अन्य देशों में भी प्लास्टिक के बढ़ते प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने से बहुत सी जगह प्रदूषण फैल चुका है कुछ सफल उदाहरण जहां सरकारे समाज ने अच्छा काम किया है प्लास्टिक बन की है पूर्ण चक्रण कार्यक्रम जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से सुधार किया है जिससे प्लास्टिक का कम इस्तेमाल हो सके और प्रदूषण में कमी आ सके हमें इस प्रदूषण से बचने के लिए सिंगल उसे प्लास्टिक का प्रतीक उपयोग कम करना चाहिए पुन उपयोग विकल्पों का प्रचार हमें रखना चाहिए उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव जागरूकता बढ़ाने चाहिएप्लास्टिक का बढ़ता उत्पादन जो 1950 से 230 गुना बढ़ गया है इस संकट का मुख्य कारण है इसे नियंत्रित करने के लिए दुनिया भर के देश एक वैश्विक संघ पर काम कर रहे हैं लेकिन इसके उत्पादन को सीमित करने पर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है 1950 में 2 मिलियन तन से बढ़कर दो 2022 में यह 475 मिलियन तन हो गया है प्लास्टिक की इतनी ज्यादा उत्पादन हुए हैं भारत जैसे देशों में हर साल 9.3 मिलियन तन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है जिससे एक बड़ा हिस्सा पर्यावरण में छोड़ दिया जाता है प्लास्टिक कचरा नदिया महासागरों पहाड़ों हवा में फैल चुका है जिससे हर जगह प्रदूषण हो रहा है प्लास्टिक को जलाने से निकलने वाली जहरीले जैसे सांस संबंधित बीमारियां हृदय रोग जैसी कैंसर का कारण बनती है प्लास्टिक का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव है जिससे हमारे स्वास्थ्य पर खतरा बना हुआ है यह समुद्री जीवों के लिए बहुत घातक है क्योंकि उनके उलझने या उन्हें निगलने से उनकी मृत्यु हो जाती है प्लास्टिक प्रदूषण खाद्य उत्पादन और लोगों की आजीविका को भी प्रभावित करता है190 से अधिक देश एक कानूनी रूप से मध्यकारी वैश्विक संघ के लिए बातचीत कर रहे हैं जिसका उद्देश्य प्लास्टिक प्रदूषण को रोकना ही है लोगों में जागरूकता बढ़ाने और प्लास्टिक के पुनर्चक्रण और पुन उपयोग को बढ़ावा देने की बहुत आवश्यकता है जिससे प्लास्टिक का कम उपयोग हो सके और हमारे जीवन पर काम खतरा हो सके भारत में प्रतिवर्ष लगभग 5.8 मिलियन टन प्लास्टिक का दहन होता है 3.5 प्लास्टिक मलबे के रूप में पर्यावरण में उत्सर्जित हो जाती है वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण में भारत की हिस्सेदारी 9.3 वार्षिक है जो इस सूची में सम्मिलित नाइजीरिया इंडोनेशिया और चीन की तुलना में काफी अधिक होने के साथ-साथ विगत हनुमानो से भी अधिक है अध्ययन के अनुसार कचरे को खुले में जलन की प्रथम व्यापक रूप से प्रचलित है जो विश्व भर में कुल प्लास्टिक प्रदूषण में 57% के लिए जिम्मेदार है दुनिया के प्लास्टिक प्रदूषण के लगभग 69% के लिए 20 देश जिम्मेदार है इसमें से कहीं भी उच्च आय वाला देश नहीं है उच्च आय वाले देशों में दक्षिण के देशों की तुलना में प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन दर अधिक है फिर भी एक भी उच्च आय वाले देश 90 प्रदूषण को में शामिल नहीं है क्योंकि अधिकांश देशों में 100% संग्रह कवरेज और नियंत्रित निपटान की व्यवस्था है प्लास्टिक लोगों की आजीविका खाद्य उत्पादन क्षमता एवं सामाजिक कल्यानो को सीधा प्रभावित करती हैकचरे का अर्थ है कि नगर निगम निकाय द्वारा इन्हें एकत्रित किया जाता है और या तो इस रीसायकल किया जाता है या लैंडफिल में भेज दिया जाता है ए प्रबंध कचरे का अर्थ है प्लास्टिक को खुले में अनियंत्रित रूप से जलाया जाना जिससे कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे सूक्ष्म कण एवं जहरीले कैसे उत्सर्जित होती हैं जो हृदय रोग शासन संबंधी विकार कैंसर और तंत्रिका संबंधी समस्याओं को जन्म देती हैं इसमें बिना जले मलबे के रूप में पर्यावरण में पहुंचने वाला प्लास्टिक भी शामिल है जो पहाड़ से लेकर महासागर तक पृथ्वी हर संभावित स्थान को प्रदूषित करती है वर्ष 2014 में सरकार ने भारत को स्वच्छ एवं खुले में सोच और कचरा मुक्त बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान मिशन शुरू किया था इस मिशन में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के प्रावधान शामिल है जैसे स्रोत पर अपशिष्ट पृथक्करण को बढ़ावा देना और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली स्थापित है 2021 के माध्यम से 1 जुलाई 2022 से पुलिस टाइमिंग और विस्तारित पुलिस टाइम इन सहित एकल उपयोग प्लास्टिक के निर्माण आयात भंडारण वितरण बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया थाप्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए हमें टिकाऊ पैकेजिंग कॉर्पोरेट उत्तरदायित्व एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर ध्यानकेंद्रित करना चाहिए अभिनव समाधान अपना कर और जिम्मेदार उपभोग एवं निपटान को बढ़ावा देकर कंपनियां अधिक टिकाऊ व चक्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान देती हैं जिससे भारत के लिए एक हरित भविष्य को बढ़ावा मिलता है नागरिकों को भी अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा और कचरा पृथक्करण एवं प्रबंधन में मदद करनी होगी यदि नागरिक यह सब करें तो हम अधिक से अधिक प्रदूषण को कम कर सकते हैं यदि हम प्लास्टिक को का उपयोग कम करें वह उन्हें फेक नहीं तो हम प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम कर सकते हैं