हमारे इस दुनिया में कुल मिलाकर सात महाद्वीप हैं
उत्तरी अमेरिका दक्षिण अमेरिका यूरोप अफ्रीका एशिया ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका
पांच महासागर हैं
प्रशांत महासागर अटलांटिक महासागर आर्कटिक महासागर हिंद महासागर और दक्षिणी महासागर
महाद्वीप इस धरती पर सबसे बड़े भूखंड है जबकि महासागर सबसे बड़े जल भंडार पृथ्वी का लगभग 71% हिस्सा महासागर से घिरा हुआ है जबकि अन्य 29% पर महाद्वीप शामिल है महाद्वीपों को महादेश भी कहा जाता है भौगोलिक एवं जनसंख्या की दृष्टि से एशिया विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है जबकि ऑस्ट्रेलिया सबसे छोटा महाद्वीप है महासागर आपस में जुड़े हुए होते हैं जबकि महाद्वीपों को विभिन्न प्रकार से गिना जा सकता है किंतु समानता इन्हें सात महाद्वीपों के रूप में जिन सकते हैं दक्षिणी गोलार्ध की तुलना में उतरी गोलार्ध में स्थल भाग अधिक है महासागर खारे पानी की विशाल विस्तार होते हैं यह महाद्वीप और महासागर महादेव को घेरे हुए और अलग करते हैं और पृथ्वी की जलवायु भूगोल और पारिस्थितिक तंत्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
जो महासागर हमारे पृथ्वी के ज्यादातर हिस्से को घेरे हुए हैं उनमें सबसे पहले प्रशांत महासागर आता है जो की सबसे बड़ा महासागर है बाद में अटलांटी का महासागर आता है फिर हिंद महासागर दक्षिणी महासागर और सबसे छोटा महासागर आर्कटिक महासागर है
महाद्वीप और महासागरों की स्थिति कोई स्थाई स्थिति नहीं होती है यह समय के साथ-साथ बदलती रहती है जैसे कि अल्फ्रेड वेगनर के महाद्वीप विस्थापन सिद्धांत और प्लेट टेक्टोनिक्स के सिद्धांत जो महाद्वीप को विशाल प्लेटों के रूप में वर्णित करते हैं जो एक दूसरे के सापेक्ष गति करता है महाद्वीप पृथ्वी की एक सबसे बड़ी ठोस भूमिका टुकड़ा है महासागर विशाल जल निकाय को और महाद्वीप को आपस में जोड़ते हैं अल्फ्रेड वेगनर द्वारा प्रस्तुत यह सिद्धांत बताता है कि सभी महाद्वीप पर एक विशाल महाद्वीप पैंजिया का हिस्सा थे और यह धीरे-धीरे विभाजित होकर वर्तमान महाद्वीपों का निर्माण हुआ समय के साथ महासागरों का आकार और गहराई भी धीरे-धीरे बदलती रहती है और प्लाटों की गति अभी भी जारी है जिससे हिमालय जैसी हुआ करते हो का निर्माण होता है पृथ्वी के निर्माण के बाद धीरे-धीरे लगभग 3.8 अब साल पहले पृथ्वी के ठंडा होने और महासागरों के जल से भरे जाने के कारण महाद्वीप और महासागरों की उत्पत्ति हुई है बाद में प्लेट टेक्टोनिक सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी की ठोस पर तो की निरंतर गति ने महादेव को उनकी वर्तमान स्थिति में स्थानांतरित किया और उनके बीच महासागरों को चौड़ा किया पृथ्वी के प्रारंभिक निर्माण के समय सात बहुत गर्म थी लगभग 212 डिग्री फारेनहाइट से नीचे थी लेकिन जैसे-जैसे पृथ्वी ठंडी होती गई पानी गैस से तरल अवस्था में बदलकर वर्ष के रूप में गिरने लगा यह संगीत अपनी पृथ्वी पर बने निकले बेसिनो में जमा हो गया जिससे महासागरों का निर्माण हुआ प्लाटों की गति के कारण महाद्वीप एक दूसरे से दूर होते गए और आज की उनकी वर्तमान स्थिति में स्थापित हो गई है जिसके कारण प्लांट का और हिंद महासागरों जैसे बड़े महासागरों का निर्माण हुआ हैसंक्षेप में बताएं तो महासागरों का निर्माण पृथ्वी के ठंडा होने और पानी जमा होने के कारण हुआ है जबकि महाद्वीपों की वर्तमान स्थिति और वितरण पंजिया के टूटने और ट्रैक्टरानिक्स प्लेटो के निरंतर गति के कारण हुआ है हमारा भारत देश दक्षिणी एशियाई उपमहाद्वीप के बड़े भूभाग पर फैला हुआ है महासागर और महाद्वीपों का मानवों के जीवन पर बहुत गहरा और बहुत ही अधिक प्रभाव पड़ता है जिसमें जैव विविधता का पोषण मानव जीवन के लिए आवश्यक संसाधन जैसे भोजन पानी और परिवहन के मार्गदर्शन का प्रदान करता है महासागर समुद्री जीवन ऑक्सीजन उत्पादन और व्यापार के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है जबकि महाद्वीप मानव सभ्यता कृषि और आवास के विकास के लिए भूमिका संसाधन प्रदान करता है महासागर सूर्य की गर्मी को अवशोषित करके और वितरित करता है जिससे पृथ्वी के मौसम और जलवायु को नियंत्रित होने में मदद मिल सके महासागर मछली नमक और दबाव के लिए महत्वपूर्ण स्रोत है जो समुद्री जीवन और मनुष्य को देने के लिए आवश्यक है महासागर और महाद्वीपों से हमें बहुत अधिक ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है फाइटोप्लांकटन जो की महासागर में रहते हैं जिससे पृथ्वी को अधिकांश ऑक्सीजन प्राप्त होता है महासागर वैश्विक व्यापार और यात्रा के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग प्रदान करते हैं जिससे विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं को विचारों और आदान-प्रदान करते हैं महासागर सुनामी और तूफान को जन्म भी देते हैं जो तटीय क्षेत्र रूप में बहुत अधिक विनाशकारी साबित होते हैं
महाद्वीपों का प्रभाव
महाद्वीपों का हमारे पौधों पशुओं और मानव जीवन के लिए विविध आवास प्रदान करना होता है महाद्वीप में कृषि विकास और भूमि प्रदान करके मानव इतिहास संस्कृति और सभ्यता को आकार दिया है पहाड़ नदिया और जंगल जैसे महाद्वीपों को विशेषताएं स्थानीय जलवायु और मौसम को भी प्रभावित किया है महाद्वीपों से प्राप्त मीठे पानी के बिना कृषि संभव नहीं हो पाती और पौधे जानवर और मानव जीवित नहीं रह सकते मनुष्य विभिन्न महाद्वीपों पर प्रवास कर सकते हैं जिससे सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होती है
यदि हम भारत के मानचित्र को देखते हैं तो हमें उसमें सबसे ज्यादा दिखने वाला रंग नीला होता है नीला मतलब जल हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है पृथ्वी पर उपलब्ध जल का अधिकांश भाग महासागरों में है समुद्री वनस्पति जगत में छोटे पौधे एवं सभी समुद्री शैवाल सम्मिलित होते हैं समुद्री प्राणी जगत में हजारों प्रजातियों की रंगीन मछलियां डॉल्फिन विल और अनगिनत रहस्य में समुद्री जीव शामिल है