भारत की अर्थव्यवस्था

भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू उत्पाद की दृष्टि से विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है यह एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है जिसमें अपने निजी कार्य और सार्वजनिक कार्य दोनों क्षेत्रों का शहर अस्तित्व है और इस नाम मात्र जीडीपी के हिसाब से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी और कार्य शक्ति क्षमता के(p p p) हिसाब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वर्गीकृत भी किया गया है यह एक काम आए वाली विकासशील बाजार अर्थव्यवस्था है जो सेवा बन्मुख अर्थव्यवस्था में बदल रही है साथ ही मजबूत कृषि और औद्योगिक क्षेत्र का भी समर्थन करती है

मिश्रित अर्थव्यवस्था

मिश्रित अर्थव्यवस्था में भारत निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में मौजूद है और देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार का लाभ उठाता है

विकासशील बाजार अर्थव्यवस्था

यह भारत में एक मध्यम आय वाली विकासशील बाजार अर्थव्यवस्था है जो लगातार आर्थिक प्रणाली पर विकास करती रहती है

कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था

भारत की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर करता है जो देश की मुख्य आए और रोजगार का महत्वपूर्ण स्रोत है हालांकि औद्योगिक और सेवा क्षेत्र को बढ़ाने से कृषि का योगदान थोड़ा बहुत कम हो चुका है भारत अभी एक विकासशील देश है जिसकी महत्वपूर्ण विशेषता कम प्रति व्यक्ति आय गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली बड़ी आबादी और धीमी पूंजी की निर्माण डर है भारत की विशाल जनसंख्या एक विकासशील अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं में से एक है जो संसाधनों पर दबाव डालती है भारतीय अर्थव्यवस्था में पारंपरिक ग्रामीण खेती आधुनिक कृषि हस्तशिल्प आधुनिक औद्योगिक और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला आती है 1991 में उदारीकरण के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी से विकास दर हासिल की है हालांकि है अभी भी कुछ चुनौतियों का सामना कर रही है

पिछड़ी अर्थव्यवस्था

ब्रिटिश शासन के अंत में भारत एक विकसित और पिछड़ी अर्थव्यवस्था थी भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछड़ेपन के मुख्य कारण उत्पादन स्तर निम्न प्रति व्यक्ति आय व्यापक निरीक्षाक्त कृषि के पारंपरिक तरीके उच्च जन्म दर और उच्चमृत्यु दर थी
अर्थव्यवस्था समाज में काम के अवसर पैदा करता है तथा व्यक्तियों को आए प्रदान करने का कार्य करता है समाज के भीतर व्यवसाय स्थापित और संचालित करता है जिससे जीवन स्तर में सुधार होगा और वृद्धि बढ़ेगी एक विकसित अर्थव्यवस्था वह होती है जिसकी विशेषता व्यापक गरीबी कम प्रति व्यक्ति आय और अधिकांश आबादी के निम्न जीवन पर स्टार होती है जो उनकी आर्थिक वृद्धि की क्षमता में बाधा डालती है
भारत की जीडीपी लगभग 4.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है जिसमें भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है 2024 में भारत की जीडीपी 31 2.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर 3.91 ट्रिलियन डॉलर थीभारत ने जापान को पछाड़कर दुनिया की छोटी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाई है भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में से एक माना जाता है अनुमान है कि 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और इसकी जीडीपी 7.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है
1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था का पूर्ण निर्माण शुरू किया था भारत ने केंद्रीकृत नियोजन को अपनाया और विकास के अपने मुख्य साधन के रूप में पंचवर्षीय योजनाओं को लागू किया था भारत का आने वाले भविष्य में यह लक्ष्य है कि 2047 तक 32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत की नीतियां रणनीति रूप से इस प्रकार तैयार की जाएंगे कि वह देश को 2047 तक 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से 32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदल सके

GDP

किसी एक निश्चित समय अवधि में किसी देश की भौगोलिक सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक मूल्य को जीडीपी कहा जाता है यह देश की आर्थिक गतिविधि और प्रदर्शन का सबसे व्यापक संकेतक है जो यह मापता है कि एक अर्थव्यवस्था के रूप में किसी देश ने कितना उत्पादन किया और कमाए और कितना खर्च किया है यह किसी देश के भीतर निर्मित सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं का कुल बाजारी मूल्य करती है
2014 में मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार बनी और भारत विश्व की पांचवें सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर आई अब हम जापान को पीछे छोड़कर चौथे स्थान पर पहुंच चुके हैं और तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है
भारतीय अर्थव्यवस्था के जनक एडम स्मिथ है
अर्थशास्त्र की खोज करने वाले दो प्रमुख अस्थियां है जो प्राचीन भारत के कौटिल्य जिन्हें चाणक्य भी कहा जाता है जिन्होंने चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास भारत में अर्थशास्त्र नामक राज्य व्यवस्था और शासन काल पर एक ग्रंथ लिखा था और आधुनिक अर्थशास्त्र के संस्थापक माने जाने वाले स्कॉटिश दार्शनिक एडम स्मिथ जिन्होंने 1776 में अपनी पुस्तक वेल्थ ऑफ़ नेशन के साथ अर्थशास्त्र को एक व्यवस्थित अध्ययन क्षेत्र के रूप में स्थापित किया
कौटिल्य को उनके अर्थशास्त्र नामक ग्रंथ के लिए जाना जाता है जो शासनकाल अर्थशास्त्र और राजनीति पर एक व्यापक ग्रंथ है यह ग्रंथ प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति के सिद्धांतों की नींव पर रखा जाता है संस्कृत में लिखा गया यह पाठ राज्य के संचालक और प्रशासन के विभिन्न पहलुओं पर विचार करता है
एडम स्मिथ को आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है उन्होंने एक पुस्तक राष्ट्रों के धान की प्रकृति और कर्म में एक जांच (An inquiry into the nature and causes of the wealth of nation ) मैं अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को व्यवस्थित किया उन्होंने सब हिट प्रतिस्पर्धा आपूर्ति और मांग और श्रम के महत्व पर प्रकाश डाला था उनका कार्य औद्योगिक समाज के भीतर बाजार और पूंजीवाद के तंत्र को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण है राष्ट्रीय आय किसी देश के अंदर एक वित्तीय वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य होता है जिसमें विदेश से प्राप्त शुद्ध इन शामिल होती है यह विभिन्न उत्पादन कर को जैसे मजदूर लगन ब्याज और लाभ के रूप में अर्जित आएगा योग भी है 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था का 3.8% बढ़ाने का अनुमान जताता है हालांकि शक्ल घरेलू उत्पाद में इसकी हिस्सेदारी घट रही है फिर भी 50% आबादी इसी पर निर्भर करती है कृषि क्षेत्र के विकास पर ध्यान देते हुए सरकारने सब्सिडी लिज्जत पापड़ जैसे स्वयं सहायता समूह और ई चौपाल जैसे सहकारी कृषि मॉडल की पहल की है कुछ सुधारो के बाद औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि दर में तेजी देखी गई है जिसका 2025 में 6.2% पहुंचने तक का अनुमान लगाया जा रहा है

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