आज भारत देश जैसे-जैसे विज्ञान के स्तर में आगे बढ़ रहा है ठीक उसी प्रकार भारत में कई प्रकार की आपदाएं भी परम सीमा को छू रही है जैसे-जैसे विज्ञान अपनी प्रगति पर है ठीक उसी प्रकार हमारी समतल भूमि पर बहुत से बदलावों के कारण आपदाएं का भी बढ़ावा हो रहा है जिसके कारण भारत देश जैसे कई अन्य देशों में भी बहुत सी आपदाएं होती है भारत में ज्यादातर आपदाएं बाढ़ चक्रवात सुख भूकंप भूस्खलन और हीट वेव है जो विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक और कभी-कभी मानव निर्मित कर्म से भी होती है जैसे अत्यधिक वर्षा वनों की कटाई और शहरीकरण के आपदा के निवारण के लिए बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं का निर्माण वनों की कटाई पर रोक भूकंपरोधी निर्माण जोखिम वाले क्षेत्रों में विकास को नियंत्रित करना और आपदा प्रबंधन के लिए जागरूकता बढ़ाना शामिल होता है
बाढ़ हमारे देश की एक ऐसी समस्या है जो आज के समय में आम हो चुकी है जो दक्षिण पश्चिम मानसून की भारी बारिश के कारण नदियों के पानी के स्तर का पार कर जाने के कारण तबाही मचाती है यह हमारी गलती के कारण ही होती है यदि हम वनों की कटाई को रोक दें या जल निकासी प्रणाली में सुधार करें और बांधों का नियंत्रण संरक्षण का निर्माण करें तो हम इस बार से बच सकते हैं बहुत से घर बहुत सी फैसले वह बहुत से ऐसे हमारे निजी कार्य हैं जो बाढ़ के कारण अक्सर छूट जाते हैं बाढ़ आज हमारे देश की एक सामान्य समस्या में से एक बन चुका है इसे सुधारने के लिए वह इसे रोकने के लिए हमें कुछ निजी उपाय करने पड़ेंगे
अब बात करते हैं चक्रवात की चक्रवात भारतीय टैटू पर उष्णकटिबंधीय तूफान और चक्रवात आते हैं जो तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के साथ भारी नुकसान भी पहुंचते हैं यदि तटीय क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण करना और लोगों को समय पर चेतावनी देना हम यह कर सकें तो इसके द्वारा किए गए हानि से हमें बचाव मिल सकता है
एक सबसे बड़ी समस्या सुख की जो हमारे देश में निरंतर चलती है लंबे समय तक बारिश की कमी के कारण खासकर देश के कुछ हिस्सों में फसलों को भारी नुकसान होता है और जल संकट उत्पन्न होता है जिसके कारण बहुत से किसान कई बार इससे परेशान होकर आत्महत्या कर लेते हैं और बहुत से ऐसे जीव है जो इसके कारण मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं यदि हम जल संरक्षण और वर्षा जल संचय तकनीकी को बढ़ावा दें तो हम इस सूखे की परेशानी को दूर कर सकते हैं इससे निवारण का सकते हैं यदि हम जल का उपयोग एक निश्चित मात्रा में करें तो
भूकंप एक ऐसी समस्या व आपदा है जो हिमालय और अन्य क्षेत्रों में भूकंपीय गतिविधियां सामान्य है इससे बहुत से नुकसान होते हैं कई बार तो यह इतनी तीव्र गति से आता है कि इससे बहुत से इलाके पल भर में नष्ट हो जाते हैं पल भर में हमारे आसपास की भूमिका हमें पता नहीं चलता कि वह कब धरती में विलीन हो गई है बहुत सी इमारतें इस भूकंप के चलते गिर जाते हैं यदि हम भूकंप रोधी और सुरक्षित भवन निर्माण करें और संवेदनशील क्षेत्रों का निर्माण करें तो भूकंप से ज्यादातर हम बच सकते हैं
ज्यादातर आपदा के दौरान शांत रहने के लिए कहते हैं सुरक्षित स्थान पर जाने और बिल्डिंग से दूर रहने के लिए कहते हैं यदि आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे सड़क किनारे रोके और वहां में ही रहे इमारत से दूर खुला क्षेत्र में रहे और गिरने वाले मलबे या बिजली की लाइनों से सावधान रहे आपातकालीन सेवाओं को सूचित करें और अपनी आपातकालीन किट साथ रखें कई बार बिजली वह इमारत के कारण हमारे शरीर को अधिक हानि होती है इस वक्त हमें इन सब से दूर रहना ही चाहिए सबसे पहले इस वक्त हमें खुद को शांत रखना चाहिए और अपने बचाव के लिए अधिक से अधिक तरीके अपनाने चाहिएइस वक्त हमें लिफ्ट में भी नहीं जाना चाहिए यदि हमें पता चल रहा है कि भूकंप आ रहा है तो हम ज्यादातर सीडी का उपयोग करें लिफ्ट का उपयोग न ही करें तो बेहतर होगा कई बार भूकंप के चलते लिफ्ट बंद हो जाती है जिसके कारण हमें सांस की दिक्कत हो सकती है और हमारी मृत्यु भी हो सकती है हमें खतरनाक इलाकों से भी बचना चाहिए पहाड़ों से भी दूर रहना चाहिए कई बार चट्टानें गिरने की भी संभावना अधिक बन जाती है इस वक्त हमें खुद को भी शांत रखना चाहिए और अपने साथ वालों को भी संवेदना देनी चाहिए जागरूक रखना चाहिए बहुत से लोगों को इन आपदाओं से बचने के उपाय का नहीं पता इसीलिए कई बार जागरूक और शिक्षा लेना भी बहुत जरूरी है जिससे हमें पता चल सके कि हमें कौन सी आपदा पर कैसे-कैसे उपाय करने चाहिए आपदा से निपटने के लिए हमें एक योजना बनाना तत्कालीन किट तैयार करना स्थानीय आपदा प्रबंधन की जानकारी रखना निकासी का अभ्यास करना प्राथमिक चिकित्सा सीखना और जोखिम कम करने के लिए बीमा भी खरीदना चाहिए समुदायों को जानकारी और संचार प्रणाली में निवेश भी करना चाहिए आपातकालीन किट में हमें भोजन पानी प्राथमिक उपचार का सामान दवाइयां और महत्वपूर्ण दस्तावेज रखने चाहिए जो हमारे मुश्किल समय पर काम आ सके साल में काम से कम दो बार अपनी बनाई हुई आपातकालीन किसको साथ लेकर घर से जरुर निकालना चाहिएघरों स्कूलों और समुदायों स्तर पर जागरूकता का कार्यक्रम आयोजन करें ताकि लोगों को आपदा से बचने के लिए तैयारी रह सके और उन्हें पता चल सके कि उन्हें कब और क्या करना है हमें अपने जीवन के लिए जीवन और संपत्ति नुकसान को कम करने के लिए जीवन बीमा भी खरीदना चाहिए इससे हमारे जीवन में अधिक लाभ प्राप्त होता है हम आपदा को तो नहीं रोक सकते लेकिन उससे होने वाले विनाशकारी प्रभाव को कम कर सकते हैं यदि हमें पता हो कि हम उसे कैसे बच सकते हैं इसी कारण शिक्षा और जागरूकता को फैलाना चाहिए ताकि आपको भी पता चले और दूसरों को भी पता चल सके घर के अंदर कार्बन मोनोऑक्साइड डिटेक्टर लगाना और ईंधन उपकरणों की नियमित जांच करवाना जैसे सावधानियां से आप अपने आप को आपदा से भी बचा सकते हैं संक्षिप्त में बताएं तो जबकि आप भूकंप या बाढ़ जैसी घटनाओं को घटित होने से नहीं रोक सकते लेकिन आप लोगों के जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए उन्हें उपाय जरूर बता सकते हैं हमारे विद्यालय भी आपदा से प्रभावित लोगों की कई तरह से मदद कर सकते हैं जिनमें आपदा के बाद विद्यालयों को राहत शिविर बनाना छात्रों को शिक्षकों को प्रशिक्षक आपदा प्रभावित लोगों के लिए मानसिक सामाजिक सहायता प्रदान करना तथा छात्रों के माध्यम से राहत सामग्री वितरित करना शामिल है शिक्षा के माध्यम से आपदा जो की न्यूनीकरण की जानकारी देकर भी विद्यालय मदद करता है
राष्ट्रीय आपदा
राष्ट्रीय आपदा का अर्थ है एक ऐसी अत्यंत गंभीर घटना चाहे वह प्राकृतिक हो या मानव निर्मित हो जिसके कारण जीवन संपत्ति और पर्यावरण का व्यापक नुकसान होता हो और यह प्रभावित क्षेत्र के संसाधनों से निपटने की क्षमता से परे होती हो इसे राष्ट्रीय आपदा कहते हैं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत भारत में एक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)का गठन किया गया है जो ऐसी आपदा प्रबंधन के लिए जिम्मेदारी लेता है आपदा एक ऐसी घटना है जो स्वयं नहीं बल्कि अचानक से घटने वाली घटना होती है जिससे बड़ी जनहानि भी होती है उसे आपदा कहा जाता है
जैविक आपदा
जैविक आपदा मानव शरीर में होने वाले ऐसी बीमारियों को कहते हैं जो एक इंसान से दूसरे इंसान में पहुंचती है इससे बचने के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर स्वच्छता बनाए रखना चाहिए स्वच्छ भोजन और पानी का सेवन करना चाहिए सुरक्षित वेंटिलेशन सुनिश्चित करना है और वेक्टर कीट पतंग तथा कृन्तकों को चूहों पर नियंत्रण रखना चाहिए व्यक्तिगत स्तर पर नियमित स्नान करना चाहिए नाखूनों को छोटा रखना चाहिए और खाना बनाने में खाने से पहले साबुन से हाथ अच्छे से धोना बहुत महत्वपूर्ण है समुदाय स्तर पर सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित करना सीवेज पाइप लाइनों का उचित रखरखाव करना और रोग वाहकों के प्रजनन स्थल को समाप्त करना प्रभावी उपाय है हमें रोज नहाना चाहिए और साफ सुथरे कपड़े पहनना चाहिए अपने घरों में हवा का उचित निकास सुनिश्चित करना चाहिए सुरक्षित पानी पीना चाहिए अच्छा भोजन करना चाहिए कटे हुए फल या बिना छिले हुए भोजन हमें नहीं खाने चाहिए खाना बनाने से खाना खाने से पहले शौचालय जाने के बाद खास नहीं आज सीखने के बाद साबुन और पानी से हाथ जरूर धोने चाहिए यदि किसी स्थान पर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे स्थान पर ज्यादा भीड़ इकट्ठी नहीं करनी चाहिए इससे अधिक बीमारी फैल सकती है कीट पतंगे और चूहा को अपने परिसर में प्रवेश करने से हमें रोकना चाहिए