जैसा कि हम सब जानते हैं हमारे भारत देश में तीन सेना हैं जल सेना थल सेना और वायु सेना जैसे-जैसे आज हमारे देश की उपलब्धि बढ़ रही है ठीक उसी प्रकार हमारे देश की तीनों सेनाएं बहुत मजबूत हो गई हैं जिसके चलते हमें वह भारत देश के नागरिकों को अपनी तीनों सेना पर पूर्ण गर्व है और हमारी तीनों सेनाएं अपनी पूरी निष्ठा श्रद्धा और लगन के साथ हमारे भारत देश की सुरक्षा निरंतर करती रहती है हमारी तीनों सेना के प्रमुख माननीय वह सम्मानिय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी है जिनके नेतृत्व में हमारी तीनों सेनाएं कार्य करती हैं हालांकि यह एक संवैधानिक मन्नत भी रहता है और सारे फैसले मुख्य रूप से राष्ट्रपति के नाम से ही होंगे पर वह फैसला प्रधानमंत्री अपने कैबिनेट को रक्षा मंत्रालय के सहयोग से करते हैं
हमारे भारत देश की तीनों सेनाओ।
में सैनिकों की कुल संख्या स्पष्ट रूप से एक आकडे में नहीं है क्योंकि यह संख्या समय के साथ बदलती घटती
बढ़ती रहती है लेकिन लगभग 14 लाख से ज्यादा सक्रिय सैनिक भारतीय थल सेना में है लगभग 67,000 सैनिक और लगभग 1,70,000 वायु सैनिक है
भारतीय थल सेना
हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करती है जो की बड़ी संख्या में होती है चाहे वह जंगल हो रेगिस्तान हो पहाड़ हो समतल भूमि या अन्य स्थल भूमि उनकी सुरक्षा भारतीय थल सेना का कर्तव्य होता है अतः थल सेना की संख्या सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया में सबसे अधिक है भारतीय थल सेना सबसे बड़ी सेना है जिसमें लगभग 14 लाख सैनिक होते हैं भारतीय थल सेना के अध्यक्ष वर्तमान में उपेंद्र द्विवेदी जी हैं 31 दिसंबर 2019 तक बिपिन रावत जी 30 अप्रैल 2022 तक मनोज मुकुंद नरवाने जी और 30 जून 2024 तक मनोज पांडे जी भारतीय थल सेना के अध्यक्ष बने रहे परंतु फिलहाल उपेंद्र त्रिवेदी जी भारतीय थल सेना के अध्यक्ष हैं थल सेना के अध्यक्ष 2025 में हुकुम प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह जी है जिन्होंने 31 जुलाई 2025 को सेना के उप प्रमुख का पद आरंभ ग्रहण किया है भारतीय थल सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल के.एम .करिअप्पा द्वारा जनरल फ्रांसिस राय बुचर से भारतीय सेवा के पहले भारतीय कमांडर- इन- चीफ के रूप में कार्यभार संभालने के ऐतिहासिक क्षण को याद किया जाता है भारतीय थल सेवा की स्थापना लगभग 126 साल पहले अंग्रेजों ने 1 अप्रैल 1895 में की थी
भारतीय नौसेना
भारतीय जल सेना यानी नौसेना के रूप में भी इसे हम कहते हैं यह समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करती है भारतीय नौसेना का कार्य देश की तट रेखा और समुद्री सीमाओं की किसी भी खतरे से रक्षा करना है समुद्री परिवहन और वाणिज्य के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रों की सुरक्षा करना भारतीय नौसेना का कार्य है किसी देश की वह संगठित समुद्री अपने पर लड़ने वाली सशस्त्र सेना है जो पनडुब्बियों और विमान के साथ समुद्री नदी या झील आधारित युद्ध संचालन करती है इसका मुख्य कार्य देश की समुद्री सीमा और समुद्री हितों की रक्षा करना होता है समुद्री मार्गों पर नियंत्रित रखना और संकट में आपदा राहत जैसे मानवीय मिशन में भाग लेना होता है भारतीय नौसेना की स्थापना 5 सितंबर 1612 में हुई थी ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाज की सुरक्षा के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी मरीन के रूप में सेना को गठित किया था जिसके बाद में रॉयल इंडियन नौसेना नाम दिया गया भारत की आजादी के बाद 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ और इसे भारतीय नौसेना नाम से प्रचलित किया भारतीय नौसेना जैसे जल पौधों और अन्य सैन्य उपकरणों के साथ युद्ध में भाग लेती है आपदा राहत अभियानों में सहयोग और राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देती है देश के भूभाग्य समुद्री हितों के विरुद्ध किसी भी आक्रमण को रोकना और सफल करना भारतीय नौसेना का कार्य है युद्ध पोत क्रूजर फ्री गेटऔर अन्य प्रकार के सताई जहाज हैं हर साल भारत में 4 दिसंबर को भारतीय जल सेना दिवस मनाया जाता है और यह 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की जीत की याद दिलाता है जिसे ऑपरेशन ट्रिडेंट के नाम से भी जाना जाता है इस दिन भारतीय नौसेना के जवानों को उनकी बहादुरी बलिदान त्याग और समर्पण के लिए सम्मान के लिए मनाया जाता है वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन नै नो सेना के उप प्रमुख के तौर पर कार्यभार को संभाल रखा है
भारतीय वायु सेना
भारतीय वायु सेवा संगठन की एक वह मुख्य शाखा है जो देश की वायु की सुरक्षा वायु चौकसी एवं जरूरत होने पर वायु युद्ध करने का कार्य करती है इस सैन्य संगठन की संरचना थल सेना नौसेना या अन्य शाखों से अलग होती है यह भारत की हवाई क्षेत्र की सुरक्षा करती है इसकी स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य ने 8 अक्टूबर 1932 को रॉयल ब्रिटिश एयर फोर्स की सहायक के रूप में की गई थी वर्तमान में वायु सी दुनिया की सबसे बड़ी सेवा में से एक है भारतीय वायु सेवा का मुख्यालय नई दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग पर स्थित वायु भवन में है यह भारतीय वायु सेवा का केंद्रीय नियंत्रण केंद्र है जो वायु सेवा प्रमुख द्वारा संचालित किया जाता है भारतीय वायु सेवा के प्रमुख जो चीफ ऑफ एयर स्टाफ है जो की वायु सेवा के भवन में बैठते हैं भारतीय वायु सेवा के पास वर्तमान में लगभग 1.35 से 1.40 लाख सक्रिय वायु सैनिक है और एक बड़ा विमान बेड़ा भी है जिसमें 2200 से अधिक विमान शामिल है जो इस दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली वायु सेवा बनाते हैं लगभग 12000 से 13000 तक अधिकारी भारतीय वायु सेवा का नेतृत्व करते हैं भारतीय वायु सेवा में सबसे ज्यादा संख्या फाइटर जेट और लड़ाकू हेलीकॉप्टर की है भारतीय वायु सेवा लगातार अपनी क्षमता में बढ़ोतरी कर रही है और नई फाइटर जेट को शामिल करके उनका ध्यान केंद्रित कर रही हैप अनो्ल्ड भारतीय वायु सेना के जनक कहलाते हैं भारत में हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेवा दिवस मनाया जाता है भारतीय वायु सेवा के अध्यक्ष एयर मार्शल विवेक राम चौधरी की है वर्तमान में वायु सेवा के पास पूरे भारत में 60से ज्यादा और स्टेशन है इन्हें साथ कमांडो में बांटा गया है पश्चिमी वायु कमान नई दिल्ली वर्तमान में वायु सेवा के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह पीवीएसएम एवीएसएम को 21 दिसंबर 1984 को भारतीय वायु सेवा के लड़ाकू दल में शामिल किया गया था