भारत की नदियां

भारत की नदियां

कावेरी, यमुना, सिंधु, गोदावरी, गंगा, ब्रह्मपुत्र ,कृष्णा ,नर्मदा, ताप्ती, महानदी है यह नदिया बहाव और लंबाई के कारण महत्वपूर्ण है भारत की कृषि संस्कृति और जीवन रेखा के लिए आवश्यक है

नदियों की लंबाई

1। सिंधु नदी जिसकी लंबाई( 2900)
2.  ब्रह्मपुत्र नदी जिसकी लंबाई( 2900)
3. गंगा नदी जिसकी लंबाई (2510)
4. गोदावरी नदी जिसकी लंबाई (1450)
5. नर्मदा नदी जिसकी लंबाई (1290)
6. महानदी जिसकी लंबाई (890)
7. कृष्णा नदी जिसकी लंबाई (1290)
8. कावेरी नदी जिसकी लंबाई (760)

इन नदियों को चार खण्डो में विभाजित किया गया है

1. अतः स्थलीय प्रवाह क्षेत्र की नदियां
2. हिमालय की नदियां
3. प्रायद्वीपीय नदियां
4. तटवर्ती नदियां

हिमालय की नदियां ज्यादातर 12 मासी होती है इन्हें पानी बर्फ पिघलने पर मिलता है इनमें वर्ष भर निर्वाह प्रवाह बना रहता है मानसून के महीना में हिमालय पर बर्फबारी होने के कारण नदियों में पानी बढ़ जाता है जिससे अक्सर बाढ़ आने की संभावना बनी रहती है प्रायद्वीपों की नदियों में अक्सर वर्षा का पानी बना रहता है इससे पानी की मात्रा घटती बढ़ती रहती है ज्यादातर पश्चिमी तट की कम लंबी नदी है इसका जल ग्रहण क्षेत्र सीमित होता है इनमें से अधिकतर अचानक से पानी भर जाता है पश्चिमी राजस्थान में नदियां बहुत कम होती है इसलिए इनमें से अधिकतर नदियां थोड़े दिन ही बहती है. मेघा, सिंधु, गंगा ,और ब्रह्मपुत्र ,नदियों में हिमालय की मुख्य नदियां प्रणालियों बनती है. सिंधु नदी संपूर्ण विश्व की सबसे बड़ी नदी है यह तिब्बत में मानसरोवर के निकट इसका उद्गम स्थल है वह नदी भारत में होती है और भारत में होती हुई पाकिस्तान की तरफ जाती है और अंत में कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती है भारतीय क्षेत्र में बहने वाली इसकी प्रमुख सहायक नदियों में सतलुज विकास रवि चेनाब और झेलम नदी आती है जिसका उद्गम तिब्बत में होता है मेघा, ब्रह्मपुत्र, गंगा ,अन्य महत्वपूर्ण नदी प्रणाली है और अलकनंदा, भागीरथी जिसका उप नदी घटिया है इनके देवप्रयाग में आपस में मिल जाने से गंगा उत्पन्न होती है यह बिहार उत्तराखंड उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से होती हुई बहती है राजमहल पहाड़ियों के नीचे भागीरथी नदी बहती है जो पहले कभी मुख्य धारा में हुआ करती थी जबकि पद्मा नदी पूर्व की ओर बहती हुई बांग्लादेश में प्रवेश करती है रामगंगा, गंडक, यमुना, घाघरा, कोसी, महानंदा, और सोन नदियां गंगा की मुख्य सहायक नदियां है बेतवा और चंबल नदी महत्वपूर्ण उप सहायक नदियां हैं जो गंगा नदी से पहले यमुना नदी में मिलती है और पदमा ब्रह्मपुत्र बांग्लादेश के अंदर मिलती हैं और पदमा या गंगा के रूप में बहती रहती है ब्रह्मपुत्र का उद्भव तिब्बत में होता है जहां इसे सांगपो के नाम से भी जाना जाता है और लंबी दूरी तय करके भारत में अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है जहां इसे दिहंग नाम मिल जाता है पासीघाट के निकट लोहित, ब्रह्मपुत्र ,और दिबांग, नदी में मिल जाती है फिर यह नदी असम से होती हुई गुवारी के बाद बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है भारत में ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियों में जिया, बरेली, धनश्री ,पूर्ति माही, सुभान, श्री गला, दिया, और मानस नदी है बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र में तीस्ता आदि नदियां मिलकर अंत में गंगा नदी से मिल जाती है मेघा की मुख्य धारा बराक नदी का उद्भव मणिपुर की पहाड़ियों में होता है इसकी मुख्य सहायक नदियां तूई वई , मक्कू त्रांग जिरी सोनाई, रुकनी ,कटाखाल, धनेश्वरी, लंका चीनी, मधुरा, और जटिंग, है बराक बांग्लादेश में तब तक बहती रहती है जब तक भैरव बाजार के निकट गंगा ब्रह्मपुत्र नदी में इसका विलय नहीं हो जाता दक्षिण क्षेत्र में प्रमुख नदी विलय प्रणाली बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है बहने वाली प्रमुख अंतिम नदियों में कावेरी महानदी कृष्णा, गोदावरी आदि नदिया आती है नर्मदा और ताप्ती पश्चिम की और बहने वाली मुख्य नदियां हैं सबसे बड़ा कला दक्षिणी प्रदीप में गोदावरी का है इससे भारत के कुल क्षेत्र का लगभग 10% भाग आता है प्रायद्वीपीय भारत में दूसरा सबसे बड़ा ताला कृष्णा नदी का है और तीसरा बड़ा ताला महानदी का है दक्षिण की ऊपरी भूमि में नर्मदा नदी अरब सागर की ओर बहती है और दक्षिण में कावेरी बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है इनके थल बराबर विस्तार के हो यदि उनकी विशेषता और आकर अलग अलग है बहुत सी तटीय नदिया है जो तुलनात्मक रूप से छोटी होती है ऐसी गिनी चुनी नदियां पूर्वी तट के डेल्टा के निकट समुद्र में मिल जाती है जबकि पश्चिमी तट पर ऐसी करीब 600 नदियां शामिल है राजस्थान में कई नदियां समुद्र में नहीं मिलती है वह नमक की झोली में मिलकर रेत में समा जाती हैं क्योंकि इनका समुद्र की रेत में और कोई निकास नहीं है इनके अलावा रेगिस्तान नदियां लूणी तथा अन्य मछु रुप वनस सरस्वती तथा घर है जो कुछ दूरी तक बेहतर मरुस्थल मैं खो जाती है गंगा ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी भारत की सबसे लंबी नदियों में शामिल है सिंचाई और नौवहन के लिए गंगा नदी गोदावरी नदी कृष्णा नदी और कावेरी नदी शामिल हैं

जो व्यापक सिंचाई नेटवर्क और जल परिवहन का समर्थन करती है गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक मानी जाती है जो कि हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले गंगा के मैदान से दक्षिण पूर्व में बहती है यह हिंदू धर्म में हिंदुओं द्वारा अत्यधिक पूजनीय है और इसके किनारो पर देश की काफी आबादी रहती है यमुना नदी गंगा की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी में से है जो हिमालय में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है यह उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद( प्रयागराज) में गंगा नदी से मिल जाती है |ब्रह्मपुत्र नदी पूर्वोत्तर भर की एक प्रमुख नदियों में से है और तिब्बत जहां इसे यार लूंगा व्यसंगपो के नाम से भी जाना जाता है| भारत और बांग्लादेश से होकर यह नदी बहती है यह बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरबन डेल्टा बनाने के लिए गंगा और मेघा नदियां से मिलती है सिंधु नदी तिब्बत से निकलकर पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले जम्मू और कश्मीर से होकर बहती है जहां पर यह अंतर अरब सागर में मिल जाती है यह एशिया की सबसे बड़ी लंबी में से आती है गोदावरी, गंगा के बाद भारत की दूसरी लंबी नदी है और यह बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से होकर बहती है कृष्णा नदी महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट से निकलकर बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले कर्नाटक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से होकर बहती है नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक पठार से निकलकर गुजरात से होकर पश्चिम की और अरब सागर से मिल जाती है यह जबलपुर के पास अपनी संगमरमर की चट्टानों के लिए जानी जाती है

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