भारत का राजनीतिक इतिहास

राजनीतिक इतिहास

राजनीतिक इतिहास के विषयों में राजनीतिक घटनाएं नेता दल सरकारे मतदाता राजनीतिक विचार विचारधाराए आंदोलन और सत्ता संघर्ष शामिल है इसमें राजनीतिक इतिहास राशियों के बीच संबंध संवैधानिक इतिहास संविधान का विकास और मध्यकालीन राजनीतिक संरचनाओं जैसे कि राजकोष भी आते हैं

 

भारत का राजनीतिक इतिहास
भारत का राजनीतिक इतिहास

 राजनीतिक घटनाएं और आंदोलन

राजनीतिक घटनाएं और आंदोलन में सामूहिक प्रयास होते हैं जिनमे लोग किसी सामाजिक या राजनीतिक बदलाव की मांग करते हैं चाहे वह एक ही मुद्दे पर हो या कई मुद्दों पर केंद्रित हो यह या तो मौजूदा सरकार की नीतियों को चुनौती देते हैं या समाज के मूल्यों को बदलने की कोशिश करते हैं भारत के संदर्भ में प्रमुख घटनाओं और आंदोलन में 1857 का विद्रोह 1905 का स्वदेशी आंदोलन 1902 का असहयोग आंदोलन 1930 का सविनय अवज्ञा आंदोलन और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन शामिल है जो भारत को ब्रिटिश शासन से आजाद करने के लिए लड़े गए उनके मुख्य उद्देश्य किसी सरकार की नीतियों सामाजिक मूल्य या सामाजिक व्यवस्था में बदलाव लाना होता है राजनीतिक आंदोलन अक्सर किसी विशेष विचारधारा से जुड़े होते हैं जैसे की स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रवाद राजनीतिक आंदोलन के कारण समाज में जनता का निर्माण होता है नीतियां प्रभावित होती है और सरकार की मौजूदा व्यवस्था को चुनौती मिलती है

1857 का विद्रोह पर प्रकाश डालते हैं

यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक बड़ा विद्रोह जिसकी शुरुआत मेरठ से हुई थी और इसमें मंगल पांडे जैसे क्रांतिकारी शामिल थे 1905 स्वदेशी आंदोलन ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने का एक बड़ा आंदोलन किया गया था 1920 का असहयोग आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में अहिंसक आंदोलन था जिसमें अहिंसक तरीकों से ब्रिटिश शासन के खिलाफ चलाया गया एक प्रभावी आंदोलन था 1930 का सविनय अवज्ञा आंदोलन यह भी एक अहिंसा का आंदोलन था जिसमें पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन ब्रिटिश शासन से भारत को तुरंत आजाद करने के लिए एक राष्ट्रीय व्यापी आंदोलन था आंदोलन के प्रेरणा स्रोत ब्रिटिश शासन के तहत भारतीयों के आर्थिक शोषण के कारण भी असंतोष बड़ा और राष्ट्रीय आंदोलन को बल मिला 16वीं सदी में पूर्ण जागरण आंदोलन ने बौद्धिक राजनीतिक चेतना को जन्म दिया साथ ही राष्ट्रीय राज्य अवधारणा को जन्म दिया 18 वीं सदी की औद्योगिक क्रांति ने राजनीतिक सिद्धांत के विषय को कई गति प्रदान की इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति फ्रांस व अमेरिका की लोकतांत्रिक क्रांतियां ने परंपरागत राजनीतिक सिद्धांत का विकास उदारवादी लोकतांत्रिक राजनीतिक सिद्धांत के रूप में किया पर परंपरागत राजनीतिक दृष्टिकोण ने राजनीतिक सिद्धांत के निर्माण के लिए मुख्यतः दार्शनिक तार्किक नैतिक ऐतिहासिक व विधिक पद्धतियों को अपनाया है 19वीं सदी से इसने विधिक संवैधानिक संस्थागत विवरणात्मक एवं तुलनात्मक पद्धतियों पर विशेष बल दिया है

राजनीतिक दल और नेता

राजनीतिक दल ऐसे संगठन होते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना और शासन में भाग लेना होता है इन दलों का गठन साझा विचारधारा सामाजिक या आर्थिक लक्षण के आधार पर होता है और उनके सदस्य समान विचारों को बढ़ावा देते हैं कुशल नेता अपने विचारों को स्पष्ट तरीके से बताते हैं टीम को उकसाते हैं और समाज को सही ढंग से ले जाते हैं भारत में बहुत से राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दल है जिनमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय दल और भारतीय जनता पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और आम आदमी पार्टी है राजनीतिक दल ऐसा जोड़ है जो चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने उम्मीदवारों को खड़ा करने और शासन में शामिल होने के लिए करता है इनका प्राथमिक उद्देश्य राजनीतिक नेतृत्व को पाना और सामाजिक आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नीतियों को लागू करना होता है भारत में राजनीतिक दलों की सूची भारत के संविधान के अनुसार भारत में संघीय व्यवस्था को जिसमें नई दिल्ली में केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों को केंद्र शासित राज्यों के लिए राज्य सरकार है इसलिए भारत में राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों का वर्गीकरण उनके क्षेत्र में उनके प्रभाव के अनुसार किया जाता है भारत में मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों की भारत सरकार सूची निम्न है

भारत में बहुदलीय प्रणाली बहुदलीय पार्टी व्यवस्था है जिसमें छोटे क्षेत्रीय दल ज्यादा मजबूत है राष्ट्रीय पार्टियों में है जो चार या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त करता है उन्हें यह अधिकार भारत के चुनाव आयोग ने दिया होता है जो अनेकों राज्यों में समय-समय पर चुनाव परिणाम की समीक्षा करता है इस मान्यता की सहायता से राजनीतिक दल कुछ पहचाने पर अपनी स्थिति की अगली समीक्षा तक विशेषता का दावा कर सकते हैं जैसे की पार्टी चीन.

 व्यवस्थापिका (विधायिका)

कार्यपालिका और न्यायपालिका व्यवस्थापिका कानून बनाती है कार्यपालिका उन कानून को लागू करती है और शासन चलती है और न्यायपालिका कानून की व्याख्या करती है और उन पर ध्यान नहीं देने वालों को ढंग देती है और अंग आपस में नियंत्रित और संतुलन बनाकर काम करते हैं जिससे शक्तियों का दुरुपयोग ना हो और राज्य का अच्छे से संचालन हो सके
व्यवस्थापिका ( विधायिका)
देश के लिए कानून बनाना भारत में इसे संसद कहते हैं जिसमें राष्ट्रपति राज्यसभा राज्य परिषद और लोकसभा जनता का सदन शामिल है
विधायिका: संघ की विधायिका को संसद कहा जाता है यह राष्ट्रपति और दो सदनों जो राज्य परिषद राज्यसभा और जनता का सदन लोकसभा कहलाते हैं प्रत्येक सदन को इसके पिछली बैठक के बाद 6 माह के अंदर बैठना होता है कुछ मामलों में दो सदनों की संयुक्त बैठक की जाती है
राज्यसभा: संविधान में यह व्यवस्था है कि राज्यसभा में 250 सदस्य होंगे उनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नाम जड़ होंगे जिनमें साहित्य विज्ञान कला और सामाजिक सेवा के संबंध में विशेष जानकारियां व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो और राज्य और संघ राज्य क्षेत्र में 238 से अधिक प्रतिनिधि होंगे राज्यसभा के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव होता है राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों का चुनाव एकला मत के द्वारा समान प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार राज्यों के विधानसभाओं के द्वारा और जब राज्य क्षेत्र का प्रतिनिधि करने वालों का चुनाव संसद द्वारा कानून के तहत निर्धारित तरीके से होता है राज्यसभा को भंग नहीं किया जाता है और द्वितीय वर्ष के इसके एक तिहाई सदस्य सेवा नेतृत्व होते हैं वर्तमान में राज्यसभा में 245 सिम हैं उनमें से 233 सदस्य राज्यों और संघ राज्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामजद होते हैं
लोकसभा
लोकसभा जनता के प्रतिनिधियों की सभा है जिनका चुनाव आवश्यक मतदाता के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा होता है संविधान द्वारा परिकल्पित सदन के सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 है 550 सदस्य राज्यों का प्रतिनिधि करने के लिए 20 संघ राज्य क्षेत्र का प्रतिनिधि करने के लिए और अधिक से अधिक एक को इंडियन समुदाय के दो सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नाम जज किए जाते हैं यदि उनके विचार से यह समुदाय का सदन कल चयनात्मक सदस्यों की संख्या का राज्यों के बीच इस तरह वितरण किया जाता है कि प्रत्येक राज्य को आबंधित सीटों की संख्या और राज्य की जनसंख्या के बीच अनुपात होता है

भारत की संसद के बारे में जानने के लिए भारत की संसद पर क्लिक करें।

 

Leave a Comment