पौधे व प्राणियों के संघ

हमारे जीवन में पौधों का बहुत बड़ा प्रभाव है वह हमारे जीवन में पौधे बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं पौधों और प्राणियों का आपस में एक बहुत गहरा संबंध होता है पौधों से हमें ऑक्सीजन मिलता है बहुत मीठे मीठे फल मिलते हैं भोजन प्राप्त होता है और हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड को भी पौधे अपने अंदर ग्रहण करके हमें आक्सीजन प्रदान करते हैं पौधे और प्राणी एक दूसरे पर ही निर्भर करते हैं एक ही ग्रह पर मौजूद दो प्रमुख प्रकार के जीव है जो विभिन्न प्रकार से एक दूसरे के सहायक होते हैं और दोनों के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में ऑक्सीजन छोड़ते हैं जिसकी प्राणियों को सांस लेने के लिए आवश्यकता होती है वही पुरानी स्वास्थ्य के बाद कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं जो पौधों को अपना भोजन बनाने के लिए चाहिए होता है पौधे अपना भोजन स्वयम बनाते हैं और वह खाद्य श्रृंखला के पहले चरण का निर्माण करते हैं जानवर पौधों को कहते हैं या पौधों को खाने वाले जीवों को कहते हैं जिससे ऊर्जा का प्रवाह एक दूसरे में होता है पौधे कई जानवरों को आश्रय और छिपाने की जगह भी प्रदान करते हैं पेड़ पौधे की घनी पत्तियां छोटे जानवरों के लिए घर बनती है जबकि बड़े जानवर भजन और पानी के लिए उन पर ही निर्भर रहते हैंकहानी जानवरों को पौधे के प्रांगण में मदद मिलती है जिससे वह फल और बीज पैदा कर पाते हैं इसके अलावा कई जानवर अपने माल के साथ बी भी फ्लेट हैं जिसके पौधों का फैलाव होता है विज्ञान में जीवों को वर्गीकृत किया जाता है जहां पौधों और प्राणी दोनों अलग-अलग जगत के राजा है पौधे और प्राणियों दोनों को ही जीवित रहने के लिए पानी हवा और प्रकाश की आवश्यकता होती है और यह सभी जरूरत है एक दूसरे से जुड़ी हुई है पौधों से हमें आम गेहूं गुलाब और शैवाल शामिल मिलते हैं पौधे स्वपोषी होते हैं जो भजन स्वयं बनाते हैं और जीवों के पौधे ज्यादातर जानवरों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं क्योंकि जानवरों को पौधों में अपना घर मिलता है भोजन मिलता है और प्रवास मिलता है जानवर पौधों के ऊपर अपने भोजन के लिए निर्भर होते हैं पौधे स्वयं अपना खाना ढूंढते हैं बनाते हैं और एक जगह स्थित रहते हैं जबकि जानवर अधिकतर गतिशील होते हैं और भोजन साथी खतरे में बचने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकते हैं पौधों की कोशिका सैलूलोज से बनी हुई होती है इसी कारण यह बहुत कठोर होती है पौधों में क्लोरोफिल होता है जो भोजन बनाने में मदद करता है जबकि जानवरों में यह नहीं होता है पौधों की वृद्धि अनिश्चित होती है और वह जीवन भर बढ़ते रहते हैं पौधों के वैज्ञानिक वर्गीकरण के अनुसार उनके शारीरिक लक्षणों के विकासात्मक विशेषताओं के आधार पर किया जाता है जिससे उन्हें जगत संघ वर्ग अनुकूल वंश और जाति जैसे पदानूकृमित स्तरों में बांटा जाता है आर .एच.व्हिटेकर ने जीवित जीवो को पांच जगत में वर्गीकृत किया है जिसमें एनिमलिया भी शामिल है और प्राणी जगत को फिर से अकशेरुकी और कशेरुकी जैसे प्रमुख समूह में बांटा गया है एनिमलिया यह सबसे बड़ा समूह है पौधों को दो भागों में वर्गीकरण करते हैं पहले उनके भौतिक रूप के आधार पर वृक्ष झाड़ियां और जड़ी बूटियों और घास दूसरा जैविक रूप से थैलोफाइटा ब्रायोफाइटा टेरिडोफाइटा जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म जैसे पांच प्रमुख समूह में बांटा गया है
थैलोफाइटा इस समूह में सेवल कटक और जीवाणु शामिल होते हैं उनके शरीर में जड़ों और पत्तियों का स्पष्ट विभाजन नहीं होता
ब्रायोफाइटा यह पौधे जमीन और अपनी दोनों में पाए जाते हैं जैसे मास और हार्ड वर्ड इनका शरीर स्वपोषी होता है क्योंकि इनमें क्लोरो लास्ट पाया जाता हैलिए भोजन में ऑक्सीजन का स्रोत बनाते हैंटेरिडोफाईटा
इस समूह में फृन जैसे पौधे आते हैं इसमें संवाहिनी ऊतक विकसित होते हैं और यह स्पर्म पैदा करते हैं बीज नहीं
जिम्नोस्पर्म यह पुष्पहीन और संवाहीं पौधे होते हैं जो फूल और फल पैदा किए बिना बीज उत्पन्न करते हैं जैसे चीड़ देवदार
एनजीओस्पर्म इन्हें फूलदार पौधे भी कहा जाता है यह बीज पैदा करते हैं और इन बीजों के अंदर बीज पात्र पाए जाते हैं इनका आगे मोनोकॉट और दी कार्ड में वर्गीकरण किया जाता हैमांसाहारी जानवर द्वारा शाकाहारी जानवरों को खाए जाने की प्रक्रिया को शिकार करना या पर भाषण करना कहते हैं जहां मांसाहारी जानवर शिकारी होता है और शाकाहारी जानवर इसका शिकार होता है यह खाद्य श्रृंखला का एक प्राकृतिक हिस्सा है जिसमें एक जीव दूसरे जीव का भाषण करके अपनी ऊर्जा प्राप्त करता है जो जीव मांसाहारी जानवरों द्वारा खाया जाता है वह शाकाहारी यानी पौधे खाने वाला जानवर होता है वह जीव जो दूसरे जीवों को मारकर भोजन करता है यानी यहां मांस खाने वाला जानवर यह एक परिस्थिति की तंत्र में ऊर्जा के परिवार का एक कम है जिसमें प्राथमिक उत्पादक से प्राथमिक उपभोक्ता और फिर द्वितीय उपभोक्ताओं तक ऊर्जा प्रवाहित होती है सर्वाहारी जीव जो पौधे भी कहते हैं और मांस भी कहते हैं यह दोनों खा सकते हैं और इनका पाचन तंत्र इस विविधता को संभालने के लिए अनुकूल होता है यह अपनी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पौधों और जानवरों को सेवन करते हैं उनके दांत चपटे हो सकते हैं जो पौधों को पीसने के लिए उपयुक्त होते हैं और नुकीले दांत भी हो सकते हैं जो मांस को फाड़ने के लिए होते हैं जिससे यह विभिन्न प्रकार का भजन या सेवन कर सकते हैं सर्वाहारी जीव मनुष्य भालू सूअर कुत्ते कोवे रैकून एक प्रकार की नेवला जैसी गिलहरी और कुछ पक्षी सरवरी जानवरों के सामान्य उदाहरण होते हैं सर्वाहारी जानवर विभिन्न प्रकार के अवसान में रह सकते हैं क्योंकि वह कई प्रकार के खाद्य संसाधनों का लाखाद्य जाल क्योंकि अधिकांश जीव एक से अधिक प्रकार के जानवरों या अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं पौधे जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा और ऊर्जा को भोजन में परिवर्तित करते हैं प्राथमिक भजन स्रोत होते हैं शिकारी श्रृंखला में एक पौधा खाने वाले जानवरों को एक मांस खाने वाले जानवर द्वारा खा लिया जाता है फीचर प्लांट अपने शिकार को पकड़ने के लिए फिटफाल विधि का उपयोग करते हैं और कीड़े या छोटे जानवरों को पकड़ सकते हैं विनस फ्लाईट्रैप अपने शिकार के करीब जाने के लिए स्नैप ट्रैप का उपयोग करते हैं जो मुख्य रूप से कीड़े होते हैं त्रिकम नमक बाल जैसी संरचनाओं यह बाप लेती है की शिकार जाल में है और लोब को बंद कर लेती हैभ उठा सकते हैं

Leave a Comment