कृषि एवं उद्योग

कृषि उद्योग उन्हें कहते हैं जो हमारे अनाज फल सब्जियां कपास आदि का उत्पादन प्रसंस्करण और वितरण करता है जैसे खाद्य पदार्थ फाइबर और अन्य वस्तु बनाने के लिए पौधों और जानवरों से प्राप्त उत्पादों का उपयोग करते हैं यह अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो ग्रामीण विकास से लेकर वार्षिक व्यापार तक को प्रभावित करता है कृषि उद्योग के लिए किसान फसलों अनाज डालो फलों सब्जियों और पशुधन के उत्पादन को कच्चे माल का उत्पादन बताते हैं कपास झूठ जिससे वस्त्र बनते हैं उन्हें कपड़ा उद्योग वह गाने से बनने वाली चीनी को चीनी उद्योग या तेल के बीजों से वनस्पति तेल बनने वाले को खाद्य तेल उद्योग और लकड़ी और अन्य पौधों के देशों से बनने वाले कागज को कागज उद्योग कहते हैं कृषि उद्योग से दुनिया की आधी आबादी को रोजगार मिलता है यह हमारे देश की वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है और ग्रामीण विकास को भी बढ़ावा देता है यह कच्चे माल की आपूर्ति और उद्योग को उत्पादों के निर्माण के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करके उसे किसने की आय में बढ़ोतरी का व्यवसाय बनता है इससे भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित होती है और खाद्य प्रणाली को आकार देने में
महत्वपूर्ण भूमिका मिलती है
कृषि एवं उद्योग यह दोनों परस्पर जुड़े हुए हैं यह दोनों एक दूसरे पर ही निर्भर करते हैं कृषि उद्योगों के लिए कच्चे माल जैसे कपास और गाना और बाजार प्रदान करती है जबकि उद्योग कृषि को मशीनरी उर्वरक और प्रौद्योगिकी देकर पैदावार बढ़ाने में मदद करती हैं यह संबंध आर्थिक विकास रोजगार सृजन और उत्पादकता को बढ़ावा देता है

आज वर्तमान में बाजार में लगभग 8000 विभिन्न कृषि या उत्पादन उपलब्ध है और हालांकि कृषि एक बड़ा व्यवसाय है फिर भी यह सभी देशों के शक्ल घरेलू उत्पाद के पांच प्रतिशत से भी काम है दुनिया भर की लगभग एक तिहाई भूमिका उपयोग कृषि के लिए किया जाता है कृषि का हमारे मानव जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव है यह हमें भोजन आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करके अत्यंत महत्वपूर्ण बनती है कृषि भजन और फाइबर का प्राथमिक स्रोत है जबकि उद्योग कच्चे माल को उपयोग उत्पादों में बदलता है जिससे लोगों को बेहतर जीवन स्तर मिलता है और देश का आर्थिक विकास होता है दोनों ही क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीड है जो रोजगार पैदा करते हैं और सामाजिक कल्याण में सुधार भी करते हैं कृषि मुख्य रूप से भोजन प्रदान करती है कृषि एक राष्ट्रीय आय का बहुत बड़ा स्रोत है उद्योग कृषि उत्पादों और कच्चे माल का उपयोग उत्पादक में परिवर्तित करते हैं जैसे वस्त्र मशीनरी और उपभोक्ता सामान कृषि हमें नए-नए रोजगार ऑन को देती है जिससे हमारी आय बढ़ती है और जीवन स्तर में सुधार होता है कृषि एक ऐसी कलात्मक प्रक्रिया है जिससे हमें पशुधन पालने और वैज्ञानिक तरीके से उन्हें उगने का पता चलता है जिसका उद्देश्य मानव उपयोग के लिए भोजन रेशा और अन्य उत्पाद प्रदान करना हैकृषि सभ्यताओं के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है जो भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करती है और लोगों को एक जगह बचाने में मदद भी करती है कृषि में पशुपालन बहुत महत्वपूर्ण है इससे हमें दूध और मांस जैसे बहुत से उत्पादों को प्रदान करने में मदद मिलती है कृषि दुनिया की आबादी को भोजन उपलब्ध कराने में प्राथमिक साधन है भारत सहित कई देशों में यह लोगों के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत बन चुका है कृषि से प्राप्त उत्पाद विभिन्न उद्योगों के लिए अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है कृषि से किसान अपने परिवार की कहानी अन्य जरूरत को पूरा करके खेती करती है बड़े पैमाने पर फसलों को और पशुधन को उत्पादन करने उन्हें बाजार में बेचने के लिए किया जाता है एक ही नगदी फसल का बड़े क्षेत्र में व्यावसायिक उत्पादन है कृषि केवल खेती तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें विज्ञान कला और प्रबंधन का भी समावेश है
कृषि का जनक
आज विश्व स्तर पर नॉर्मल बोरलॉग को लोग लोग कृषि का जनक कहते हैं जबकि भारत में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन को कृषि का जनक माना जाता है
नॉर्मल बोलो को 1970 में नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला है
डॉ एम एस स्वामीनाथन को भारत में कृषि का जनक माना जाता है उनके प्रयासों से भारत को खाद्य की कभी कमी नहीं लगती भारत में कृषि में निरंतर उत्पादन हो रहा है 2023 से 24 में खदान उत्पादन 332.3 मिलियन टन तक पहुंचाने की उम्मीद भारत में जताई जा रही है जबकि 2024 से 25 में बागवानी उत्पादन रिकॉर्ड 362.8 मिलियन टन तक पहुंचाने का अनुमान लगाया गया है भारत फलों चावल ऑन सब्जियां चाहे जैसे कहीं कृषि उत्पादों का एक प्रमुख वैश्विक उत्पादक है इस क्षेत्र को विभिन्न सरकारी नीतियां और किसने की आय बढ़ाने पर जोर देने में बढ़ावा मिल रहा है भारत में खदान और बागवानी उत्पादन में लगातार वृद्धि देखी जा रही है जो कृषि क्षेत्र के लिए प्रगति को दर्शाता है कृषि भारत आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है जो ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्रदान करती है हालांकि उत्पादक एक चुनौती बनी हुई है भारत में कृषि एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो देश की अर्थव्यवस्था को आधार प्रदान करता है और लाखों लोगों की आजीविका को समर्थन प्रदान करता है भारत का कृषि और पर संस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात अप्रैल 2025 में सालाना आधार पर 15% बढ़कर 18, 169 करोड रुपए हो गया है प्राचीन भारत की कृषि व्यवस्था ने उसे समय के लोगों के जीवन यापन और आर्थिक स्रोतों के महत्वपूर्ण साधन का रूप लिया जो अभी वर्तमान समय में भी है भारतीय अर्थव्यवस्था का हमारे कृषि जीवन पर बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण प्रभाव है भारतीय अवस्था वह जगह है जहां देश का दिल स्थित है 21वीं सदी से भारत ने 6% से 7% तक की जीडीपी वृद्धि दर देखी है

यद्यपि केवल प्रौद्योगिकी से ही कृषि समस्याओं का पूर्ण समाधान संभव नहीं है लेकिन यह बेहतर दीर्घकालिक समाधान देने में सक्षम जरूर है इसलिए कृषि संबंधी समस्याओं और चुनौतियां खासकर भार में से निपटने में कृषि शोध एवं विकास आरएंड की भूमिका महत्वपूर्ण है यहां लक्षण को प्राप्त करने और कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी के बावजूद भारतीय कृषि समय की कसौटी पर खड़ी उतरती है ऐसा केवल तकनीकी के विषय एवं इसके प्रचार प्रसार से ही संभव हो सका है

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