आज भारत का अधिकांश क्षेत्र कृषि पर निर्भर है कृषि से होने वाली उपज वह उससे होने वाले लाभ से आज भारत देश का अधिकांश भाग चला है यह एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है जहां मुख्य रूप से खेती से प्राप्त उत्पादन और भूमि के उपयोग से लोगों का जीवन चलता है कृषि अर्थव्यवस्था विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को और सेवाओं को उत्पादन करती है जैसे खाद्य पदार्थ कच्चे माल निर्यात के लिए कृषि अर्थव्यवस्था को एक ऐसी प्रणाली के रूप में दर्शाते हैं जहां परिवार मुख्य रूप से छोटी-छोटी जोतों पर खेती करते हैं और अपने श्रम और उत्पादन प्रयासों को मिलाकर खुद को बनाए रखते हैं और व्यापक श्रम बाजारों में भाग लेते हैंउपयोग होती है या अर्थव्यवस्था सीधे तौर पर राष्ट्रीय आय रोजगार और विदेशी मुद्रा अर्जन में योगदान देती है साथ ही ग्रामीण विकास और खाद्य सुरक्षा में भी अहम भूमिका को निभाती है यह परिवारों की आंतरिक श्रम बाजार गतिशीलता और कृषि उत्पादन एवं उपभोग में उनकी भूमिका पर जोर देती है कृषि अर्थव्यवस्था के अंतर्गत ग्रामीणों को और गैर कृषि मजदूरों को रोजगार के अवसर प्रदान करती है और यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार तथा आयात निर्यात गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है आज आजादी के बाद से ही कृषि क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में प्रमुख योगदान प्रदान कर रहा है वित्तीय वर्ष की भांति 1950 से 1951 में कृषि और उससे जुड़े अन्य गतिविधियों का देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में 59% योगदान था जबकि कृषि क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है फिर भी यह भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है दूसरी और ब्रिटेन और अमेरिका जैसे विकसित देशों में कृषि क्षेत्र देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में केवल लगभग तीन प्रतिशत का योगदान ही दे पता है भारत देश में आगे से जड़ी आबादी कृषि क्षेत्र में ही कार्यरत है जो कि देश में इसे सबसे ज्यादा कर्मचारी वाला क्षेत्र भी बनता है पढ़े लिखे देश से तुलना करें तो भारत की कुल आबादी का लगभग 54.6% हिस्सा कृषि क्षेत्र में ही आता है जबकि ब्रिटेन अमेरिका फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देश की कुल आबादी का केवल 2% से 6% तक ही कृषि क्षेत्र में आता है भारत पूरी दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा आबादी वाला देश कहलाता है और इतनी बड़ी आबादी का पेट भरने के लिए भोजन की बहुत ज्यादा आपूर्ति की आवश्यकता बनती है इसलिए कृषि की आवश्यकता है और अर्थव्यवस्था के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर काम करने की आवश्यकता है भारत में अधिकांश उत्पादों के निरंतर निर्माण के लिए कच्चे माल की आवश्यकता निरंतर पड़ती रहती है और इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत देश के अधिकांश उद्योग इस कच्चे माल को सीधे कृषि क्षेत्र से ही एकत्र करते हैं भारत में औद्योगिक क्षेत्र की लगभग आधी आए कृषि उद्योग से ही आती है इसलिए भारत में औद्योगिक क्षेत्र कृषि क्षेत्र पर अधिक आधारित है भारत देश कृषि औद्योगिक क्षेत्र और व्यापारिक उद्देश्यों के लिए आंतरिक और बाह्य दोनों ही दृष्टि से बहुत अधिक महत्वपूर्ण है यहां चाय कॉफी चीनी काजू मसाले आदि जैसे खाद्य पदार्थ कृषि उत्पादन और जट कपास आदि जैसे वस्त्र उत्पादन देश के कुल निर्यात में क्रम्स 50% और 20% का योगदान देते हैं यह देश के कुल निर्यात का लगभग 70% हिस्सा है और देश को विदेशी मुद्रा अर्जित करने में भी मदद करते हैं भारत की कृषि केंद्र और राज्य सरकारों की आई का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत कृषि है देश की सरकार को बढ़ाते भू राजस्व से अच्छी खासी आए होती है इसके अलावा कृषि उत्पादों की आवाजाही से भारतीय रेलवे को भी राजस्व प्राप्त होता है जिससे सरकार को राजस्व समर्जन में मदद मिलती है भारत अधिकतर योजनाएं भी कृषि पर ही आधारित है अच्छी फसल हमेशा परिवहन व्यवस्था विनिर्माण क्षेत्र आंतरिक वाणिज्य आदि के लिए व्यवसायिक माहौल में सुधार लाकर देश की अनुमानित आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करती है अच्छी फसल का मतलब यह भी है कि सरकार के पास अपने बजट के खर्चों का पूरा करने के लिए पर्याप्त धन होगा इसी प्रकार खराब फसल देश के व्यापार में पूर्ण मंडी का कारण भी बनती है जो अंततः आर्थिक नियोजन को ध्वस्त कर देती है इसी प्रकार भारत जैसे देश में कृषि क्षेत्र एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और भारतीय अर्थव्यवस्था की समृद्धि अभी भी काफी हद तक इसी पर निर्भर है कि उपरोक्त अध्ययन के परिणाम स्वरुप यह स्पष्ट है कि क्षेत्रीय विविधता और आर्थिक विकास के लिए कृषि विकास एक आवश्यक पूर्व अपेक्षा है कृषि अर्थव्यवस्था भारत की रेड और एक प्रमुख क्षेत्र है जो सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देता है भारत में बढ़ते आबादी के एक बड़े हिस्से को रोजगार प्रदान करता है और उद्योग के लिए कच्चे मालों की आपूर्ति भी करता है भारत की कुल आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर है कृषि क्षेत्र में मशीनों सेंसर और हवाई तस्वीरें जैसे आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है जिससे उत्पादक और दक्षता बड़ी रहे भारत की किसी भी अर्थव्यवस्था में कृषि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कृषि किसी भी देश के अर्थ व्यवस्था की रीड की हड्डी होती है भोजन और कच्चा माल उपलब्ध कराने के अलावा कृषि जनसंख्या के एक बहुत बड़े प्रतिशत को रोजगार के अवसर भी प्रदान करती हैकृषि वह विज्ञान कला और अभ्यास है जिसमें मानव उपयोग के लिए भूमि पर भोजन और अन्य सामग्री प्रदान करने के लिए फैसले उगाना और पशुओं का पालन पोषण करना शामिल होता है इसमें मिट्टी को जोतना बीज बोना फसलों की कटाई करना और पशुधन का प्रबंध करना शामिल होता है इसमें जानवरों को खिलाना पिलाना प्रजनन करना और उन्हें पालन भी शामिल है ताकि उनसे दूध उन मांस और अन्य उत्पाद प्राप्त हो सके भारतीय कृषि का एक बहुत बड़ा हिस्सा अभी भी मानसून पर निर्भर करता है जिससे फसल उत्पादन में अनिश्चित बनी रहती है देश की बहुत बड़ी आबादी के लिए भोजन की आवश्यकता को पूरा करना मुख्य लक्ष्य होता है इसलिए कृषि मुख्य रूप से खदान उत्पादन पर केंद्रित है भारत की विभिन्न जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण आज अनाज फल सब्जियां तिलहन कपास गन्ना आदि विभिन्न प्रकार की फैसले उगाई जाती है ज्यादातर भारतीय खेतों का आकार छोटा होने और औद्योगीकरण के काम होने के कारण खेती में श्रम की अधिक आवश्यकता होती है छोटी ज्योति इकाइयों की अधिकता और उनके आकार का काम होना भारतीय कृषि के प्रमुख विशेषताओं पर निर्भर है भारत की एक बहुत बड़ी आबादी कृषि पर ही निर्भर है और राष्ट्रीय आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रदान करती है
अर्थव्यवस्था किसी क्षेत्र में वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन वितरण और उपभोग की एक जटिल प्रणाली है जो लोगों की जरूरत को पूरा करती है इसमें उपभोक्ताओं व्यवसाय और सरकारों की सामूहिक आर्थिक गतिविधियां भी शामिल होती है यह किसी राष्ट्रीय क्षेत्र के वित्तीय व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है कि वह अपना पैसा कैसे बनता और खर्च करता है